बातें / Words



बात करने से पहले, ये सोचो ज़रा
क्या वो करेगी, किसी का भला
ना ऐसा कभी, ज़बान पे तू ला
तोड़ डाले जो दिल, किसी और का।

ज़बान नश्तर भी है, है ये मीठी खजूर
ये गली भी दे, बोले “मेरे हुज़ूर”
जो औरों से चाहे, वो इसको सिखा
बात करने से पहले, ये सोचो ज़रा।

बात की जिसकी, मैंने होई और था
बात की जो थी, कुछ और था
बातों, बातों में बात, बदलता ना जा
बात करने से पहले, ये सोचो ज़रा

बात को कहना हो, तो ज़ब्त चाहिए
बात को सुनना हो, तो वक्त चाहिए
कुछ औरों की सुन, कुछ अपनी सुना
बात करने से पहले, ये सोचो ज़रा।

लोग बदले कभी, ना बदल पाएँगे
यह खजूर ज़बान के, हर तरफ़ से आएँगे
दर्द को भूल ‘अश्क’, माँग सब की दुआ
बात करने से पहले, ये सोचो ज़रा।

~ हरदेव सोढ़ी ‘अश्क’

be careful what you say,
words bring both joy and pain,
bring not into the world,
that which can cause heartbreak again.

though they may be sweet as raisins,
or sour to the taste,
show respect in your words,
be careful what you say.

some times what is said,
is heard the wrong way,
best to keep the words in your head,
be careful what you say.

captivate your listeners,
hear what your speakers say,
give each your time,
be careful what you say.

in times of change,
keep detractors at bay,
seek blessings instead,
be careful what you say.

~ Hardev Sodhi ‘Ashk’